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Depreciation in Hindi- इस आर्टिकल में हम आपको आसान भाषा में डेप्रिसिएशन के विषय में समझाने की कोशिश करेंगे। डेप्रिसिएशन एक वित्तीय प्रक्रिया है जो व्यावसायिक दुनिया में महत्वपूर्ण है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको यह बताएँगे की Depreciation Kya Hota hai और इसका व्यावसायिक दुनिया में क्या महत्व है।
Depreciation Kya Hai?
Depreciation का शाब्दिक अर्थ है आवश्यकता की कमी या कीमत घटना जब एक व्यक्ति या व्यवसाय संपत्ति (एसेट) खरीदता है तो इसकी कीमत समय के साथ कम होती रहती है। इसका प्रमुख कारण उसकी उपयोग अवधि होती है अर्थात बिज़नेस में जो भी एसेट्स होती है उन सब एसेट्स की एक निश्चित लाइफ होती है हम उन सब एसेट्स का उपयोग निश्चित सालो तक ही अच्छे से उपयोग कर सकते है Depreciation को हम एक उदहारण से आसानी से समझ सकते है।
Depreciation समझने के लिए एक उदाहरण देखे:
मान लेते है एक व्यवसायी एक नए कंप्यूटर को खरीदता है जिसका मूल्य है 50 हज़ार रूपये है। मान लेते है यह कंप्यूटर का आवश्यक उपयोग अवधि 5 वर्ष की है। अर्थात इसका मतलब है की व्यवसायी को समय के साथ इस कंप्यूटर की कीमत को कुछ प्रतिशत प्रति वर्ष के रूप में कम करना होगा। क्युकी जिस राशि पर व्यापारी ने वह कंप्यूटर ख़रीदा है बेचने पर उसको वही प्राइस नहीं मिलेगी।
इस प्रकार हर वर्ष के अंत में इस कंप्यूटर की कीमत में कमी होना ही Depreciation कहलाता है।
Depreciation Claim करने के लिए आवश्यक शर्तेँ
Depreciation को क्लेम करने के लिए कुछ आवश्यक शर्तें होती हैं जैसे की:
- व्यवसायी को अपने वित्तीय लेखा-जोखा में डेप्रिसिएशन को सही ढंग से प्रतिपादित करना होगा।
- जिस भी एसेट्स पर Depreciation क्लेम करना है उसका उसका स्वामित्व करदाता के नाम से होना चाहिए।
- जिस फाइनेंसियल वर्ष में Depreciation क्लेम किया जा रहा है उसी वर्ष में एसेट्स का उपयोग होना चाहिए।
- एसेट्स का उपयोग बिज़नेस पर्पस के लिए होना चाहिए।
- अगर किसी एसेट्स के एक से ज्यादा मालिक है तब वे अपने-अपने हिस्से का डेप्रिसिएशन क्लेम कर सकते है।
Depreciation का बैलेंस शीट पर असर
Depreciation का व्यावसायिक व्यवस्था पर सीधा प्रभाव होता है खासकर जब व्यवसायी अपने बैलेंस शीट तैयार करता है। बिज़नेस में उपयोग होने वाली हर एक एसेट्स पर Depreciation लगाया जाता जिसकी वजह से प्रॉफिट एंड लोस्स अकाउंट में डेबिट साइड में डेप्रिसिएशन के अमाउंट को खर्चे के रूप में दिखाया जाता है। जिससे प्रॉफिट लोस्स अकाउंट में Net profit पर भी असर पड़ता जिसकी वजह से प्रोप्रइटर कैपिटल अमाउंट में बदलाव होता है। और बैलेंस शीट में भी बदलाव हो जाता है।
Depreciation Rates
इनकम टैक्स एक्ट के अंतर्गत डेप्रिसिएशन को कैलकुलेट करने के लिए सभी एसेट्स के लिए अलग-अलग फिक्स्ड रेट रखे है इन्ही रेट के हिसाब से डेप्रिसिएशन लगाया जाता है चलिए जानते किस एसेट्स पर कितना प्रतिशत के हिसाब से डेप्रिसिएशन लगता है:
Depreciation Rates For FY.2023-24
Class of Assets | Type Of Assets | Depreciation Rates |
Buildings | Buildings used for residential purposes, excluding hotels and boarding houses | 5% |
Buildings | Hotels and boarding houses | 10% |
Furniture | furniture and fittings, including electrical fittings | 10% |
Plant & Machinery | automobiles, except those that are used in a business that rents them out | 15% |
Intangible Assets | trademarks, franchises, patents, licenses, copyrights, know-how, and other similar commercial or business rights | 25% |
Plants & Machinery | automobiles, with the exception of those that are used in a business of running them, purchased on or after August 23, 2019, but before April 1, 2020, and put to use prior to April 1, 2020 | 30% |
Plants & Machinery | Motor buses, lorries, and taxis used in a business that rents them out | 30% |
Buildings | Constructions that are only temporary, like wooden structures | 40% |
Plants & Machinery | Computers and computer software | 40% |
Plants & Machinery | Taxis, motor buses, and other vehicles used in a business that rents them were purchased on or after August 23, 2019, but before April 1, 2020, and put to use before April 1, 2020. | 45% |
Plants & Machinery | Books that the assessee uses in his or her job are not annual publications. | 60% |
Plants & Machinery | Annual publications are books owned by the assessee in the course of their profession. | 100% |
Plants & Machinery | Books owned by the assessee that are used to operate lending libraries | 100% |
Depreciation लगाने की विधिया
Depreciation लगाने की विधिया व्यवसाय के प्रकृति और एसेट्स के प्रकार पर निर्भर करती है। depreciation की लगाने की कुछ निम्न विधि इस प्रकार है :
- सरल रेखा विधि (straight Line Method)
- मशीन घंटा विधि (Machine Hour Method)
- बीमा पालिसी विधि (Insurance Policy Method)
- वार्षिक विधि (Annuity Method)
- घटते हुए मूल्य विधि (Written Down Method)
- पुनःमूल्यांकन विधि (Revaluation Method)
FAQ:(Depreciation In Hindi)
Q: डेप्रिसिएशन क्यों महत्वपूर्ण है?
Ans: डेप्रिसिएशन व्यवसायी को एसेट्स की सही कीमत को प्रतिपादित करने में मदद करता है जिससे व्यावसायिक व्यवस्था में सही रूप से लेखा-जोखा रख सके।
Q: डेप्रिसिएशन दर कैसे निकला जाता है?
Ans: डेप्रिसिएशन दर को एसेट्स के मूल्य को उपयोग अवधि से भाग कर निकला जाता है। इससे व्यवसायी एसेट्स की हर वर्ष की डेप्रिसिएशन राशि तय कर सकता है।
Q: डेप्रिसिएशन को क्लेम करने के लिए क्या-क्या जरुरी शर्तें होती हैं?
Ans: डेप्रिसिएशन को क्लेम करने के लिए आवश्यक है की एसेट्स की अवधि स्पष्ट रूप से घोषित की गयी हो और व्यवसायी ने प्रक्रिया का अनुसारण किया हो।
Q: व्यावसायिक व्यवस्था में डेप्रिसिएशन का क्या महत्व है?
Ans: डेप्रिसिएशन व्यावसायिक व्यवस्था में व्यवसायी के व्यावसायिक लेखा-जोखा को सही ढंग से प्रतिपादित करने में महत्वपूर्ण है और इससे व्यवसायी अपने व्यावसायिक आय को प्रभावित कर सकता है।
निष्कर्ष: तो इस आर्टिकल में हमने Depreciation के विषय में विस्तार से बात की है. डेप्रिसिएशन एक महत्वपूर्ण वित्तीय प्रक्रिया है जो व्यावसायिक व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है और व्यवसायी को अपनी संपत्ति की कीमत को सही ढंग से प्रतिपादित करने में मदद करती है।
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आपका दिन शुभ रहे।
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