Balance Sheet Kya hai ? || What is balance Sheet In Hindi

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हेलो दोस्तों एक बार फिर से आपका स्वागत है सीखो एकाउंटिंग में। 

आज हम इस आर्टिकल में बतायंगे Balance Sheet kya hai ( What is balance Sheet In Hindi )  तथा इसे क्यों बनाया जाता है ? इसके अलावा इस आर्टिकल में इसका फॉर्मेट क्या है इसकी जानकारी भी दी जाएगी। तो चलिए सबसे पहले जानते है Balance Sheet In Hindi।

Balance Sheet kya hai
What is Balance Sheet In Hindi

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Balance Sheet kya hai ?

बैलेंस शीट एक प्रकार का फाइनेंसियल स्टेटमेंट (Financial Statement )  होता है । जो किसी कंपनी,फर्म तथा किसी भी बिज़नेस के Assets  और liabilities को एक रिपोर्ट में show करता है i बैलेंस शीट हमें कंपनी,फर्म या बिज़नेस की फाइनेंसियल कंडीशन को show करता है कि कंपनी द्वारा कितना पैसा Earn किया है,कितना पैसा spend किया है तथा कितना पैसा save किया है।

बैलेंस शीट हमें कंपनी कि तीन चीज़ों के बारे में बताता है। 

  • (1).Assets : एसेट्स मतलब है कंपनी के पास कितनी एसेट्स पड़ी है जैसे Fixed assets Current assets आदि। 
  • (2).Liabilities : Liabilities का मतलब है कि कंपनी द्वारा कितना उधार ले रखा है।
  • (3).Share Holder Equity :  शेयर होल्डर इक्विटी यानि कि कंपनी के पास कितना पैसा शेयर होल्डर का इन्वेस्टमेंट है।

बैलेंस शीट क्यों बनाया जाता है ?

किसी भी कंपनी, फर्म, व्यक्ति या बिजनेसमैन द्वारा अपने बिज़नेस की फाइनेंसियल पोजीशन जानने के लिए बैलेंस शीट बनायीं जाती है। फाइनेंसियल पोजीशन से मतलब है कंपनी के पास कितनी एसेट्स है और कितनी liabilties पड़ी है। इसकी पूरी जानकारी एक बैलेंस शीट में show की जाती है। बैलेंस शीट को ट्रेडिंग प्रॉफिट एंड लोस्स अकाउंट बनाने के बाद बनाया जाता है।

बैलेंस शीट कैसे बनाया जाता है ?

बैलेंस शीट बनाने से पहले किसी भी बिजनेसमैन,कंपनी,फर्म या व्यक्ति के द्वारा प्रॉफिट एंड लोस्स अकाउंट बनाना जरुरी होता है ।  प्रॉफिट एंड लोस्स अकाउंट बनाने के बाद बैलेंस शीट को तैयार किया जाता है। बैलेंस शीट में दो कॉलम बनाये जाते है ।  Right Side कंपनी की सारी एसेट्स का विबरण होता है तथा Left Side में कंपनी की सारी लिएबिलिटीज़ का विबरण दिया जाता है।

बैलेंस शीट की अवधि क्या है ?

बैलेंस शीट किसी भी कंपनी,फर्म,व्यक्ति,प्रोप्रिएटर या बिजनेसमैन के द्वारा 12 महीने की अवधि के लिए बनाया जाता है। इसमें कंपनी द्वारा अपनी एसेट्स तथा लिएबिलिटीज़ को show किया जाता है।

बैलेंस शीट में क्या क्या आता है ?

बैलेंस शीट के Liabilities Side में आने वाली मद

1.Shareholder’s Funds ( शेयरधारकों की पूंजी )

A).Share Capital ( शेयर पूंजी )

  • (I). Equity share Capital ( इक्विटी शेयर पूंजी )
  • (II). Preference share Capital ( वरीयता शेयर पूंजी )

B).Reserve and Surplus ( रिजर्व और अधिशेष )

  • (i). General Reserve ( जनरल रिजर्व )
  • (II). Capital Reserve ( संपत्ति कोष )
  • (III). Profit & loss For Cr. ( लाभ और हानि CR, )
  • (Iv). Security premium  ( सुरक्षा प्रीमियम )

C).Money received Against Share warrants ( शेयर वारंट पर प्राप्त धन )

2.share Application Money pending Allotment ( शेयर आवेदन राशि आवंटन लंबित )

3.Current Liabilities  ( वर्तमान देयताएं )

  • A).Short-term Borrowings (Loan) ( अल्पकालिक उधार (ऋण) )
  • B).Trade Payables (Sundry Creditors) ( व्यापार देय (विविध लेनदारों) )
  • C).Short-Term Provision ( अल्पकालिक प्रावधान )
  • D).Other Current Liabilities  ( अन्य वर्तमान देनदारियां )

3.Non-Current Liabilities ( गैर-वर्तमान देयताएं )

  • A).Long-term Borrowings ( लंबी अवधि के उधार )
  • B).Deferred Tax Liabilities (Net) ( लंबी अवधि के उधार )
  • C).Long-Term Provision ( दीर्घकालिक प्रावधान )
  • D).Other Current Liabilities  ( अन्य वर्तमान देनदारियां )

बैलेंस शीट के Assets Side में आने वाली मद

1.Non-current Assets ( गैर-वर्तमान संपत्तियां )

A).Fixed Assets ( अचल सम्पत्ति )

  • (I).Tangible Assets ( मूर्त संपत्ति )
  • II).Intanible Assets ( अमूर्त संपत्ति )
  • (III).Capital work in Progress ( कैपिटल कार्य प्रगति पर )

B).Non-Current investment ( गैर-वर्तमान निवेश )

C).Long Term Loan & Advance ( दीर्घकालिक ऋण और अग्रिम )

D).Other non-current Assets ( अन्य गैर-वर्तमान परिसंपत्ति )

2.Current Assets ( वर्तमान संपत्ति )

  • (i).Cash ( नकद )
  • (II).Bank Balance ( बैंक में जमा राशि )
  • (III).Sundry Debtors ( विविध देनदार )
  • (iv).Investment ( निवेश )
  • (v).Closing Stocks ( समापन स्टॉक )
  • (Vi).Accrued income ( उपार्जित आय )
  • (Vii).Miscellaneous Expenditure ( विविध व्यय )

Balance sheet format

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Balance Sheet Format

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FAQ :

Q : बैलेंस शीट कब तैयार की जाती है?

Ans : बैलेंस शीट किसी भी कंपनी,फर्म और बिजनेसमैन दवारा साल खत्म होने के पश्चात बनाया जाता है i यह खाता 12 महीने की अवधि के लिए बनाया जाता है।

Q : बैलेंस शीट का मतलब क्या होता है?

Ans : बैलेंस शीट एक प्रकार का फाइनेंसियल स्टेटमेंट (Financial Statement ) होता है । जो किसी कंपनी,फर्म तथा किसी भी बिज़नेस के Assets  और liabilities को एक रिपोर्ट में show करता है i बैलेंस शीट हमें कंपनी,फर्म या बिज़नेस की फाइनेंसियल कंडीशन को show करता है कि कंपनी द्वारा कितना पैसा Earn किया है,कितना पैसा spend किया है तथा कितना पैसा save किया है।

Q : बैलेंस शीट कैसे बनाया जाता है ?

Ans : बैलेंस शीट बनाने से पहले किसी भी बिजनेसमैन,कंपनी,फर्म या व्यक्ति के द्वारा प्रॉफिट एंड लोस्स अकाउंट बनाना जरुरी होता है ।  प्रॉफिट एंड लोस्स अकाउंट बनाने के बाद बैलेंस शीट को तैयार किया जाता है। बैलेंस शीट में दो कॉलम बनाये जाते है ।  Right Side कंपनी की सारी एसेट्स का विबरण होता है तथा Left Side में कंपनी की सारी लिएबिलिटीज़ का विबरण दिया जाता है।

Q : बैलेंस शीट से पहले क्या तैयार किया जाता है?

Ans : बैलेंस शीट बनाने से पहले ट्रेडिंग प्रॉफिट एंड लोस्स अकाउंट बनाया जाता है। प्रॉफिट एंड लोस्स अकाउंट बनाने के बाद बैलेंस शीट तैयार किया जाता है।

निष्कर्ष :

इस आर्टिकल में आपने सीखा Balance Sheet kya hai ? तथा इसको कैसे बनाया जाता है ?

इस आर्टिकल से रिलेटेड कोई भी चीज़ समझ न आ रही हो या आप हमसे कुछ पूछना चाहते है। तो नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है। अगर आपको हमारा यह लेख पसंद हो, तो इससे अपने दोस्तों में भी शेयर करें।
आपको दिन शुभ रहे।


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