80C deduction in Hindi || Section 80C Kya Hai ? || जाने पूरी जानकारी हिंदी में

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हेलो दोस्तों आज हम इस आर्टिकल में अंडर Section 80c के अंतर्गत कितना डिडक्शन मिलता है तथा कौन कौन से इन्वेस्टमेंट और खर्चो ( 80C deduction in Hindi )  का डिडक्शन Claim किया जा सकता है। 

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Section 80C Kya Hai ?

Section 80C के तहत कोई भी करदाता जो अपनी इनकम टैक्स Return फाइल करता है वह इस सेक्शन के तहत अधिकतम 1.5 लाख रूपये तक का इन्वेस्टमेंट और एक्सपेंसेस पर टैक्स की सेविंग कर सकता है। यह इन्वेस्टमेंट और एक्सपेंसेस निम्न प्रकार है। 

1.EPF (Employee Provident Fund )

जिन भी प्राइवेट कर्मचारी का उनकी कंपनी द्वारा EPF में पैसा कटता है उस पर अंडर Section 80C के तहत टैक्स में छूट का फायदा करदाता उठा सकता है। EPF में कर्मचारी और कंपनी द्वारा पैसा जमा होता है इस सेक्शन के अन्तर्गत कर्मचारी के द्वारा किया गया इन्वेस्टमेंट को ही आप अधिकतम 1.5 लाख रूपये तक की छूट का फायदा लिया जा सकता है।

2.PPF ( Public Provident Fund )

पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड में आप Section 80C के तहत अधिकतम 1.5 लाख रूपये तक की छूट ले सकते है आप PPF अकाउंट में साल भर में 500 रूपये से लेकर अधिकतम 1.5 लाख रूपये तक जमा करा सकते है।

3.सावधि जमा (Fixed Deposit)

Section 80 C के अन्तर्गत करदाता 5 साल के लॉकइन पीरियड वाली Fixed Deposit पर जमा किये गए पैसे का डिडक्शन अपनी income tax Return में claim कर सकता है। इसमें भी करदाता अधिकतम 1.5 लाख रूपये तक का डिडक्शन क्लेम कर सकता है।

4.सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana)

सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत करदाता अधिकतम  1.5 लाख रूपये तक की छूट ले सकता है। इस अकाउंट में करदाता द्वारा अपनी बच्ची के नाम से अकाउंट खुलता है जिसमे करदाता 250 रूपये से लेकर 1.5 तक जमा कर सकता है तथा इनकम टैक्स के अंतर्गत छूट का फायदा भी ले सकता है।

5.जीवन बीमा प्रीमियम (Life Insurance Premiums)

Section 80C के तहत कोई भी करदाता जो जीवन बीमा पालिसी ( Life insurance Premium ) में जो प्रीमियम जमा करते है उस प्रीमियम अमाउंट का सेक्शन 80 C के अंतर्गत अधिकतम 1.5 लाख तक की छूट ले सकता है।

6.शिक्षा शुल्क (Tuition Fees)

Section 80c के अंतर्गत करदाता अपने दो बच्चो की पढाई पर होने वाले फीस के खर्चे का भी अधिकतम 1.5 लाख रूपये तक की छूट ले सकता है।

7.होम लोन में प्रिंसिपल अमाउंट वाला भाग (Principals of Home Loan)

अगर आपने होम लोन लिया हुआ है तो आप अंडर सेक्शन 80 c के अन्तर्गत प्रिंसिपल अमाउंट का डिडक्शन अपनी income tax Return में क्लेम कर सकते है।  आप इस सेक्शन के अन्तर्गत अधिकतम 1.5 लाख रूपये तक का डिडक्शन क्लेम कर सकते है। 

नोट : जिस मकान के लिए लोन लिया गया है तथा 80 c में डिडक्शन क्लेम किया गया है उस मकान को करदाता 5 साल तक सेल नहीं कर सकता है अगर करदाता उस मकान को 5 साल से पहले सेल्स कर देता है तो जितना भी प्रिंसिपल अमाउंट का डिडक्शन क्लेम किया है वह पूरा अमाउंट उसकी इनकम मान लिया जायेगा तथा आपको टैक्स का भुक्तान करना होगा।

8. स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क (Stamp Duty and Registration Fees)

अगर करदाता द्वारा कोई भी स्टाम्प शुल्क,रजिस्ट्रेशन फीस या कोई भी अन्य प्रकार के शुल्क का भुक्तान करता है तो अधिकतम 1.5 लाख रूपये तक के अमाउंट का डिडक्शन Section 80c के अंतर्गत क्लेम कर सकते है।

9.ELSS Fund ( Equity Linked Savings Schemes)

ELSS Fund (Equity Linked Savings Schemes ) एक म्यूच्यूअल फण्ड है जिसके माध्यम से करदाता शेयर मार्किट में निवेश कर सकते है। इन फंड्स का लॉक इन पीरियड्स 3 साल का होता है जिससे होने वाला लाभ लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में आता है।  इस फण्ड में किये गए इन्वेस्टमेंट पर करदाता अधिकतम 1.5 लाख रूपये तक का डिडक्शन अंडर सेक्शन 80 c के तहत क्लेम कर सकता है।

10. राष्ट्रीय पेंशन योजना NPS (national Pension Scheme)

भारत सरकार द्वारा प्राइवेट कंपनी या सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारिओं के लिए एक पेंशन सिस्टम चालू कर रखी है। जिसमे 18 साल से 60 वर्ष तक के कोई भी व्यक्ति द्वारा इस योजना के तहत पैसा जमा कर सकता है। तथा इसमें जमा किये गए रकम का Section 80c के अंतर्गत डिडक्शन भी क्लेम कर सकता है।

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11.राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र NSC (National Savings Certificate)

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट एक लघु बचत योजना है जिसमे किसी भी व्यक्ति द्वारा एक निश्चित राशि चुका कर नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट ख़रीदे जाते है।  यह सर्टिफिकेट 5 साल या उससे अधिक के लिए रखे जाते है।  इन सर्टिफिकेट को खरीदने पर किया गया खर्चा को करदाता अपनी income tax Return में section 80c के अन्तर्गत क्लेम कर सकता है ।

80C Deduction List PDF

FAQ :

Q : 80c के लिए कौन से म्यूचुअल फंड पात्र हैं ?

Ans : ELSS Mutual Fund

Q : धारा 80C की छूट की पात्रता कैसे होती है?

Ans : Section 80 C के तहत कोई भी करदाता जो अपनी इनकम टैक्स Return फाइल करता है वह इस सेक्शन के तहत अधिकतम 1.5 लाख रूपये तक का इन्वेस्टमेंट और एक्सपेंसेस पर टैक्स की सेविंग कर सकता है। यह इन्वेस्टमेंट और एक्सपेंसेस निम्न प्रकार है। EPF (Employee Provident Fund ),PPF ( Public Provident Fund ),Sukanya Samriddhi Yojana,Life Insurance Premiums,Tuition Fees,Principals of Home Loans,Elss Mutual Fund,NSC (National Savings Certificate),NPS (National Pension Scheme),Tax Saving Fixed Deposits,Stamps Duty and Registration Fees & SCSS (Senior Citizens Savings Scheme)

Q : 80c में हम कितना दिखा सकते हैं ?

Ans : Section 80C के अंतर्गत करदाता एक साल में अधिकतम 1.5 लाख रूपये तक का डिडक्शन क्लेम कर सकता है।

निष्कर्ष :

आज आपने जाना 80C Kya hai तथा Section 80c के अंतर्गत कितना डिडक्शन मिलता है तथा कौन कौन से इन्वेस्टमेंट और खर्चो का डिडक्शन Claim किया जा सकता है। 

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