Income Tax Kaise Bachaye || पूरी जानकारी हिंदी में

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हेलो दोस्तों आपका एक बार फिर स्वागत है सीखो एकाउंटिंग में। 

आज इस आर्टिकल में हम आपको बतायेंगे Income tax kaise bachaye (how to save income tax in hindi)। सरकार द्वारा कुछ ऐसे प्रावधान बनाये गए है जिसके माध्यम से कोई भी करदाता Income Tax को बचा सकता है। तो चलिए जानते है क्या क्या प्राबधान है।

Income Tax Kaise Bachaye
Income Tax Kaise Bachaye

Income Tax kya hota hai ?

सबसे पहले हम यह जान लेते है इनकम टैक्स होता क्या है ? Income Tax शब्द एक प्रकार के कर को संदर्भित करता है जो सरकारें अपने अधिकार क्षेत्र में व्यवसायों और व्यक्तियों द्वारा उत्पन्न आय पर लगाती हैं। कानून के अनुसार, करदाताओं को अपने कर दायित्वों को निर्धारित करने के लिए सालाना आयकर रिटर्न दाखिल करना होता है।

आयकर सरकारों के लिए राजस्व का एक स्रोत है। उनका उपयोग सार्वजनिक सेवाओं को निधि देने, सरकारी दायित्वों का भुगतान करने और नागरिकों के लिए सामान प्रदान करने के लिए किया जाता है।

Tax Saving

इनकम टैक्स एक्ट 1962 (income Tax Act 1962 )  के तहत सरकार द्वारा ऐसे नियम बनाये गए है जिनकी मदद से करदाता अपने टैक्स की को save या Zero कर सकता है। आइये समझते है वे कौन-कौन से नियम है जिनको अपनाकर आप इनकम टैक्स में Tax saving कर सकते है। 

इनकम टैक्स एक्ट Under Section 80C के तहत छूट

अंडर सेक्शन 80 C के तहत कोई भी करदाता जो अपनी इनकम टैक्स Return फाइल करता है वह इस सेक्शन के तहत अधिकतम 1.5 लाख रूपये तक का इन्वेस्टमेंट और एक्सपेंसेस पर टैक्स की सेविंग कर सकता है। यह इन्वेस्टमेंट और एक्सपेंसेस निम्न प्रकार है।

  • EPF (Employee Provident Fund )
  • PPF ( Public Provident Fund )
  • Sukanya Samriddhi Yojana
  • Life Insurance Premiums
  • Tuitin Fees
  • Principals of Home Loans
  • Elss Mutual Fund
  • NSC (National Savings Certificate)
  • NPS (National Pension Scheme)
  • Tax Saving Fixed Deposits
  • Stamps Duty and Registration Fees
  • SCSS (Senior Citizens Savings Scheme)

इनकम टैक्स एक्ट Under Section 80D के तहत छूट

Section 80 D के अंतर्गत करदाता अपने और अपने फॅमिली के ऊपर किये गए हेल्थ इन्शुरन्स के खर्चे का डिडक्शन ले सकता है। इस सेक्शन के अंतर्गत अगर करदाता की और उसके सभी फॅमिली मेंबर की उम्र 60 या उससे कम है तो वह अधिकतम 25 हज़ार रुपये तक के हेल्थ इन्शुरन्स का डिडक्शन ले सकता है। अगर करदाता  या उसके फॅमिली मेंबर की उम्र 60 वर्ष से अधिक है तब करदाता अधिकतम 50 हज़ार रूपये तक की छूट प्राप्त कर सकता है।

इनकम टैक्स एक्ट Under Section 80E के तहत छूट

सेक्शन 80 E के अंतर्गत अगर करदाता द्वारा खुद के लिए या अपने किसी भी फॅमिली मेंबर के एजुकेशन (Education) के लिए लोन लिया है। तो उस लोन के interest अमाउंट का डिडक्शन इस सेक्शन के अंतर्गत लिया जा सकता है। 

इनकम टैक्स एक्ट Under Section 80G के तहत छूट

कुछ निर्धारित संस्था या राहत कोष में दिए गए दान पर सेक्शन G के तहत करदाता अपनी इनकम में छूट प्राप्त कर सकता है। लेकिन इसके लिए कुछ कंडीशन को फुलफिल करना जरुरी है। दान में गए पैसे की कोई सीमा नहीं राखी गयी है लेकिन सरकार द्वारा कुछ ऐसी संस्था निर्धारित की गयी है जिसपे दान में दिए गए 100% अमाउंट का डिडक्शन करदाता द्वारा लिया जा सकता है

जैसे The Prime minister Relief fund ,National Defense fund इन दोनों में किया गया दान का 100% अमाउंट का डिडक्शन करदाता ले सकता है इसके अलवा किये गए दान पर करदाता दान अमाउंट का 50% ही डिडक्शन claim कर सकता है।

नोट : इस सेक्शन के अंतर्गत 2 हज़ार रूपये तक ही cash में दान दे सकते है।

इनकम टैक्स एक्ट Under Section 80TTA के तहत छूट

जिस करदाता की उम्र 60 साल या उससे कम है वह करदाता सेक्शन 80 TTA के अन्तर्गत सेविंग अकाउंट के interest अमाउंट का डिडक्शन Claim कर सकता है इस सेक्शन में इसकी अधिकतम लिमिट 10 हज़ार रखी गयी है। 

इनकम टैक्स एक्ट Under Section 80TTB के तहत छूट

जिस करदाता की उम्र 60 साल या उससे अधिक है वह करदाता सेक्शन 80 TTB  के अन्तर्गत सेविंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपाजिट के interest अमाउंट का डिडक्शन Claim कर सकता है इस सेक्शन में इसकी अधिकतम लिमिट 50 हज़ार रखी गयी है।

इनकम टैक्स एक्ट Under Section 24 के तहत छूट

सेक्शन 24 के अन्तर्गत करदाता होम लोन के interest अमाउंट का 2 लाख रूपये तक का डिडक्शन Claim कर सकता है।

FAQ : 

Q : इनकम टैक्स बचाने के लिए क्या करें?  

Ans : इनकम टैक्स बचाने के लिए सेक्शन 80C से 80U में दिए गए प्रावधान का उपयोग करके आप इनकम टैक्स को कम या जीरो कर सकते है। 

Q ; कितने लाख तक टैक्स फ्री है?

Ans : 2.5 लाख रूपये तक की इनकम पर जीरो टैक्स लगता है तथा 2.5 से 5 लाख के बीच में 5% टैक्स लगता है जो की 12500/- होता है लेकिन करदाता को सेक्शन U/s 87A के अन्तर्गत 12500/- की रिबेट मिल जाती है जिससे करदाता के लिए 5 लाख रूपये तक की income टैक्स फ्री मान सकते है।   

निष्कर्ष :

आज आपने जाना की आप किस प्रकार से इनकम टैक्स की सेविंग कर सकते है

इस आर्टिकल से रिलेटेड कोई भी चीज़ समझ न आ रही हो या आप हमसे कुछ पूछना चाहते है। तो नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है। अगर आपको हमारा यह लेख पसंद हो, तो इससे अपने दोस्तों में भी शेयर करें।
आपको दिन शुभ रहे।

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