Accounting kya hai ? || What is accounting in Hindi
नमस्कार दोस्तों आज हम बताएँगे Accounting Kya hai (What is Accounting in Hindi) और यह कितने प्रकार के होते है और इसके क्या लाभ है।
एकाउंटिंग क्या है ? (What is Accounting in Hindi)
लेखांकन लगभग किसी भी व्यवसाय के लिए प्रमुख कार्यों में से एक है। इसे एक छोटी फर्म में एक बुककीपर या एकाउंटेंट द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है, या बड़ी कंपनियों में दर्जनों कर्मचारियों के साथ बड़े वित्त विभाग द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। लेखांकन की विभिन्न धाराओं, जैसे लागत लेखांकन और प्रबंधकीय लेखांकन द्वारा उत्पन्न रिपोर्ट, प्रबंधन को सूचित व्यावसायिक निर्णय लेने में मदद करने के लिए अमूल्य हैं।

Accounting In Hindi || Accounting Kya hai || what is Accounting In Hindi || Types of Accounts in hindi
परिचय (Introduction)
लेखांकन एक व्यवसाय से संबंधित वित्तीय लेनदेन को रिकॉर्ड करने की प्रक्रिया है। लेखांकन प्रक्रिया में इन लेनदेनों का सारांश, विश्लेषण और निरीक्षण एजेंसियों, नियामकों और कर संग्रह संस्थाओं को रिपोर्ट करना शामिल है। लेखांकन में उपयोग किए जाने वाले वित्तीय विवरण एक लेखा अवधि में वित्तीय लेनदेन का संक्षिप्त सारांश हैं, जो कंपनी के संचालन, वित्तीय स्थिति और नकदी प्रवाह को सारांशित करते हैं।
Accounts के प्रकार (Types of Accounts in Hindi)
दोस्तों Accounts तीन प्रकार के होते हैं जो की इस प्रकार हैं
- Personal Account (व्यक्तिगत खाता)
- Real Account (वास्तविक खाता)
- Nominal Account (नाममात्र का खाता)
व्यक्तिगतखाता (Personal Account)
जैसा कि नाम से पता चलता है, व्यक्तिगत खाते वे हैं जो व्यक्तियों, कंपनियों, फर्मों, संघों के समूह आदि से संबंधित हैं इन्हे तीन श्रंणी में बॉंटा गया है।
1.प्राकर्तिक खाते (Natural Personal Account )
सभी व्यक्तियों के नाम से सम्बंधित खाते जैसे राम श्याम मोहन सोहन व्यापार स्वामी का पूंजी खाता इसी श्रेणी में आते है।
2.कृतिम खाते (Artificial Personal Account )
कृतिम खातों में बैंक वीमा व्यापारिक संस्था लेनदार और देनदार आदि इसके अंतर्गत आते है।
3.प्रतिनिधित्व खाते (Representative Persoanl Account )
प्रतिनिधि व्यक्तिगत खाते ऐसे खाते हैं जो एक निश्चित व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसमें प्रीपेड और बकाया किराया जैसे खाते शामिल हैं जो अग्रिम रूप से भुगतान की गई राशि का प्रतिनिधित्व करते हैं ।
पर्सनल अकाउंट के अंतरगत निम्नलिखत उदाहरण आते हैं।
- किसी व्यक्ति का नाम जैसे राम श्याम
- बैंक खाता
- पूंजी खाता
- आपूर्तिकर्ता या ग्राहक खाता
- वित्तीय और संस्था खाता
- आहरण खाता
Golden Rule of Personal Account
व्यक्तिगत खाते से संबंधित सुनहरा नियम (Golden Rule)
प्राप्तकर्ता को डेबिट करें, दाता को क्रेडिट करें
वास्तविक खाते (Real Account)
ऐसे खाते जो अधिकार और एसेट्स से सम्बंधित होते है वास्तविक खाते कहलाते है। इन्हे दो श्रेणी में बांटा किया गया है।
मूर्त वास्तविक खाते (Tangible Real Account)
मूर्त वास्तविक खाते ऐसे खाते हैं जिनका भौतिक अस्तित्व होता है। जिन संपत्ति को छुआ जा सकता है उन्हें मूर्त संपत्ति कहते है और इनके खाते को मूर्त खाते जैसे फर्नीचर अकाउंट मशीनरी अकाउंट बिल्डिंग अकाउंट आदि।
अमूर्त वास्तविक खाते (Intangible Real Account)
जिन संपत्ति को छुआ न जा सके उन्हें अमूर्त संपत्ति कहते है और उनके खाते को अमूर्त खाते जैसे कॉपीराइट गुडविल ट्रेडमार्क पेटेंट आदि.
वास्तविक अकाउंट के अंतरगत निम्नलिखत उदाहरण आते हैं।
- भूमि खाता
- भवन खाता
- मशीनरी खाता
- फर्नीचर खाता
- वाहन खाता
Golden Rule Of Real Account
वास्तविक खाता से संबंधित सुनहरा नियम ( Golden Rule )
- डेबिट – क्या आता है,
- क्रेडिट – क्या जाता है
नाममात्र का खाता (Nominal Account)
ऐसे अकाउंट जो लाभ और हानि और इनकम और एक्सपेंसेस से सम्बंधित होते है नॉमिनल अकाउंट कहलाते है। जैसे सेल्स अकाउंट,सैलरी अकाउंट, डिस्काउंट अकाउंट, इंटरेस्ट अकाउंट, इन्शुरन्स अकाउंटआदि. इस प्रकार के खातों की अवधि 1 वर्ष की होती है।
Golden Rule of Nominal Account
नाममात्र का खाता से संबंधित सुनहरा नियम (Golden Rule)
सभी व्यय और हानि डेबिट करें, सभी आय और लाभ क्रेडिट करें
Golden rule of accounting – Rule & Example In Hindi

लेखांकन के लाभ क्या है ?
- कोई भी व्यक्ति कितना भी योग्य क्यों न हो, सभी बातों को स्मरण नहीं रख सकता है। व्यापार में प्रतिदिन सैकड़ों लेन-देन होते हैं, वस्तुओं का क्रय-विक्रय होता है। ये नकद और उधार दोनों हो सकते हैं। मजदूरी, वेतन, कमीशन, आदि के रूप में भुगतान होते हैं। इन सभी को याद रखना कठिन है। लेखांकन इस आभाव को दूर कर देता है।
- Accounting से व्यवसाय से संबंधित कई महत्वपूर्ण सूचनाएँ प्राप्त होती हैं जैसे :
- लाभ-हानि की जानकारी होना।
- सम्पत्ति तथा दायित्व की जानकारी होना ।
- कितना रुपया लेना है और कितना रुपया देना है ।
- व्यवसाय की आर्थिक स्थिति कैसी है, आदि।
- व्यवसाय रिकॉर्ड का रखरखाव।
- वित्तीय विवरण तैयार करना।
- परिणामों की तुलना।
- निर्णय लेना।
- कानूनी मामलों में साक्ष्य।
- संबंधित पक्षों को जानकारी प्रदान करता है।
- कराधान के मामलों में मदद करता है।
- व्यापार का मूल्यांकन
FAQ:
Q : एकाउंटिंग कितने प्रकार के होते हैं ?
Ans : दोस्तों एकाउंटिंग तीन प्रकार के होते हैं जो की इस प्रकार हैं
- Personal Account (व्यक्तिगत खाता)
- Real Account (वास्तविक खाता)
- Nominal Account (नाममात्र का खाता)
Q : रियल अकाउंट क्या है ?
Ans : ऐसे खाते जो अधिकार और एसेट्स से सम्बंधित होते है वास्तविक खाते ( Real Account ) कहलाते है।
Q : रियल अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं ?
Ans : रियल अकाउंट 2 प्रकार के होते है
- 1.मूर्त वास्तविक खाता ( Tangible Real Account )
- 2.अमूर्त वास्तविक खाता ( Intangible Real Account )
Q : पर्सनल अकाउंट क्या है ?
Ans : जैसा कि नाम से पता चलता है, व्यक्तिगत खाते वे हैं जो व्यक्तियों, कंपनियों, फर्मों, संघों के समूह आदि से संबंधित हैं
Q : नॉमिनल अकाउंट क्या है ?
Ans : ऐसे अकाउंट जो लाभ और हानि और इनकम और एक्सपेंसेस से सम्बंधित होते है नॉमिनल अकाउंट कहलाते है।
निष्कर्ष :
आज आपने सीखा Accounting Kya hai तथा यह कितने प्रकार की होती है। इस आर्टिकल से रिलेटेड कोई भी चीज़ समझ न आ रही हो या आप हमसे कुछ पूछना चाहते है। तो नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है। अगर आपको हमारा यह लेख पसंद हो, तो इससे अपने दोस्तों में भी शेयर करें।
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