हेलो दोस्तों आज हम इस आर्टिकल में बात करेंगे Liabilities Kya Hota Hai ? तथा यह कितने प्रकार की होती है। तो चलिए शुरू करते है।

Liabilites Kya Hota Hai ? || What is Liability in Accounting In HIndi || Type of Liabilites In Hindi || Current Liabilities Kya hoti hai || Non-Current Liabilities Kya hoti hai ?
Liabilites Kya Hota Hai? ( What is Liability in Accounting in Hindi )
देनदारियां वो होती है जो हम अपनी पुंजी (Capital) को बढ़ाने के लिए किसी से लोन ले लेते हैं या फिर हम अपने लेनदारों से उधार पर लेते हैं Liabilities जिसे हिंदी में दायित्व,कर्ज या ऋण कहा जाता है।

देनदारियों के प्रकार ( Types of Liabilities in Hindi )
दायित्व दो प्रकार के होते हैं
- 1.वर्तमान देनदारियां (Current Liabilities)
- 2.गैर मौजूदा देनदारियों (Non-current Lisbilities)
वर्तमान देनदारियां क्या है? ( What is Current Liabilities in Hindi )
वे सभी दायित्व जिनका भुक्तान एक बर्ष के अंदर या अबधि में किया जाता है उसे current liabilties या वर्तमान दायित्व कहा जाता है इसे अल्पकालिक दायित्व भी कहते है इनका भुक्तान एक फाइनेंसियल बर्ष में किया जाता है।
बर्तमान देनदारी के निम्न उद्हारण
- कर्मचारी वेतन ( Salaries to Employee)
- अल्पकालिक दायित्व (Short-Term Borrowings)
- बैंक ओवरड्राफ्ट (Bank Overdraft)
- अल्पकालिक ऋण (Short-Term Loan)
- बिजली खर्चे (Electricity Expenses)
- देय आय कर (Income tax Payable)
गैर मौजूदा देनदारियों क्या है? (What is Non-current Liabilities in Hindi )
वे सभी दायित्व जिनका भुक्तान एक एक बर्ष या उससे अधिक अबधि के लिए किया जाता है नॉन करंट दायित्व कहा जाता है इसे दीर्घकालीन दायित्व भी कहते है इसका भुक्तान एक फाइनेंसियल बर्ष से अधिक अबधि के लिया किया जाता है।
नॉन करंट देनदारी के निम्न उद्हारण
- दीर्घकालीन दायित्व (Long-term Borrowings)
- दीर्घकालीन ऋण (Long-term Loan)
- बांड, डिबेंचर (Bonds, debentures)
- विलंबित कर उत्तरदायित्व (Deferred tax Liabilities)
- पट्टा भुगतान जो एक वर्ष से अधिक के लिए देय नहीं हैं (Lease Payments)
FAQ :
Q : लायबिलिटी में क्या क्या आता है?
Ans : Liabilities के अंतर्गत निम्नलिखित मद आती है :
- कर्मचारी वेतन ( Salaries to Employee)
- अल्पकालिक दायित्व (Short-Term Borrowings)
- बैंक ओवरड्राफ्ट (Bank Overdraft)
- अल्पकालिक ऋण (Short-Term Loan)
- बिजली खर्चे (Electricity Expenses)
- देय आय कर (Income tax Payable)
- दीर्घकालीन दायित्व (Long-term Borrowings)
- दीर्घकालीन ऋण (Long-term Loan)
- बांड, डिबेंचर (Bonds, debentures)
- विलंबित कर उत्तरदायित्व (Deferred tax Liabilities)
- पट्टा भुगतान जो एक वर्ष से अधिक के लिए देय नहीं हैं (Lease Payments)
Q : लायबिलिटी कितने प्रकार की होती है?
Ans : Liabilities दो प्रकार की होती है : (1).Current Liabilites, (2). Non-Current Liabilities.
Q : करंट लायबिलिटी कौन सी है?
Ans : सभी दायित्व जिनका भुक्तान एक बर्ष के अंदर या अबधि में किया जाता है उसे current liabilties या वर्तमान दायित्व कहा जाता है इसे अल्पकालिक दायित्व भी कहते है इनका भुक्तान एक फाइनेंसियल बर्ष में किया जाता है।
बर्तमान देनदारी के निम्न उद्हारण
- कर्मचारी वेतन ( Salaries to Employee)
- अल्पकालिक दायित्व (Short-Term Borrowings)
- बैंक ओवरड्राफ्ट (Bank Overdraft)
- अल्पकालिक ऋण (Short-Term Loan)
- बिजली खर्चे (Electricity Expenses)
- देय आय कर (Income tax Payable)
Q : Current liabilities meaning in Hindi
Ans : सभी दायित्व जिनका भुक्तान एक बर्ष के अंदर या अबधि में किया जाता है उसे current liabilties या वर्तमान दायित्व कहा जाता है। इसे अल्पकालिक दायित्व भी कहते है इनका भुक्तान एक फाइनेंसियल बर्ष में किया जाता है।
Q : Non Current liabilities meaning in Hindi
Ans : वे सभी दायित्व जिनका भुक्तान एक एक बर्ष या उससे अधिक अबधि के लिए किया जाता है नॉन करंट दायित्व कहा जाता है इसे दीर्घकालीन दायित्व भी कहते है इसका भुक्तान एक फाइनेंसियल बर्ष से अधिक अबधि के लिया किया जाता है।
निष्कर्ष :
इस आर्टिकल में आपने सीखा Liabilities kya hota hai ? तथा यह कितने प्रकार की होती है।
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