Net Salary Meaning in Hindi – Net Salary or Gross Salary में क्या अंतर है ?

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नमस्कार दोस्तों एक बार फिर आपका स्वागत है सीखो एकाउंटिंग में। 

Net salary Meaning in Hindi-आज के आर्थिक समाज में हर एक व्यक्ति के लिए सैलरी एक महत्वपूर्ण भाग होता है। जब भी कोई नौकरी करता है तो उसका एक प्रश्न होता है कि नेट सैलरी और ग्रॉस सैलरी में क्या अंतर है? इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए हमें दोनों कॉन्सेप्ट्स को समझना होगा।

ग्रॉस सैलरी क्या है? (What is Gross Salary in Hindi)

Gross Salary एक ऐसे टर्म है जो हर किसी को सुनने में आता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की इसका सही मतलब क्या है? ग्रॉस सैलरी वह राशि होती है जो एक व्यक्ति के दैनिक साप्ताहिक या महीने के काम का मूल्य (वैल्यू) दर्शाता है बिना किसी चुकती या काट के। यानि ये वह पैसा है जो आपकी कंपनी आपको काम करने के बदले में देती है तथा उसमे से किसी भी तरह की कटौती या चुकती नहीं होती है।

Gross Salary आपके टोटल कमाई को प्रतिनिधित्व करती है. ग्रॉस सैलरी की राशि आपके काम पद और एक्सपीरियंस के आधार पर तय होती है. इसमें आपकी बेसिक सैलरी,भत्ते,पर्क्स और बोनस शामिल होते हैं।

Gross Salary में शामिल की जाने वाली चीज़ें 

ग्रोस सैलरी में कई प्रकार की कमाइयाँ और फायदे शामिल हो सकते हैं. कुछ प्रमुख चीज़ें इस प्रकार हैं।

  • बेसिक सैलरी: यह वह मूल वेतन है जो आपकी कंपनी आपको काम करने के बदले में देती है. इस में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं होती है।
  • हाउस रेंट अलाउंस (HRA): अगर आपको अपने मकान का किराया खुद देना होता है तो आपकी कंपनी आपको HRA प्रोवाइड करती है. यह आपके कमाई से अलग से दिया जाता है।
  • मॅहगाई भत्ता (DA): यह एक प्रकार का अलाउंस होता है जो आपको आपके क्षेत्र में ज्यादा महंगाई के हिसाब से दिया जाता है।
  • कवेयन्स अलाउंस: यह अलाउंस आपके कम्यूटे एक्सपेंसेस (यात्रा व्यय) के लिए दिया जाता है। 
  • मेडिकल अलाउंस: इस अलाउंस से आप अपने मेडिकल ट्रीटमेंट के खर्च को कवर कर सकते हैं। 
  • अन्य अलाउंस: यह अलग-अलग कम्पनीज में अलग हो सकती हैं जैसे ट्रेवल अलाउंस, फ़ूड अलाउंस, स्पेशल अलाउंस।

CTC और Gross Salary अलग कैसे होते है ?

CTC या कॉस्ट टू कंपनी एक व्यक्ति के लिए एक पूरी पैकेज वैल्यू होती है जो उसकी कंपनी उसे ऑफर करती है. यह ग्रॉस सैलरी के साथ-साथ अन्य प्रकार के बेनिफिट्स और फायदे जैसे की प्रोविडेंट फण्ड (PF) gratuity,बोनस आदि शामिल करती है.CTC आपके ग्रॉस सैलरी को बहुत से और चीज़ें शामिल करके दिखता है लेकिन यह वह रकम नहीं है जो आपको घर जाकर मिलता है। नीचे दिए गए फार्मूला से आप आसानी से समझ पायंगे।

  • CTC = Gross salary+PF+Gratuity+Bonus+Other Indirect Benefits
  • Gross salary = CTC -(PF+Gratuity+Bonus+Other Indirect Benefits)

नेट सैलरी क्या है? (What is Net salary in Hindi)

नेट सैलरी वह रकम है जो आपको आपकी ग्रॉस सैलरी में से कटौती और चुक्तियों करने के बाद मिलती है। यह रकम आपके बैंक अकाउंट में क्रेडिट होती है। नेट सैलरी का मुख्या उद्देश्य यह होता है की आपको दिखाए की आपकी एक्चुअल टेक-होम इनकम क्या है यानि कि आपके हाथ में कितना पैसा आता है।

नेट सैलरी के लिए उदहारण : मान लीजिये आपकी ग्रॉस सैलरी 50 हज़ार है। लेकिन इसमें से टैक्स (टीडीएस),प्रोविडेंट फण्ड (PF) और अन्य चुक्तियाँ जैसे की मेडिकल इन्शुरन्स प्रीमियम के टोटल काटने के बाद आपको 42 हज़ार ही मिलता है तो यह 42 हज़ार ही आपकी नेट सैलरी होगी।

आखिर में नेट सैलरी और ग्रॉस सैलरी के बीच का अंतर आपकी कमाई और उस पर लगने वाली चुक्तियों के आधार पर होता है. ग्रॉस सैलरी आपके टोटल कमाई का प्रतिनिधित्व करती है जबकि नेट सैलरी आपकी एक्चुअल टेक-होम इनकम होती है।

निष्कर्ष : नेट सैलरी और ग्रॉस सैलरी का अंतर समझना महत्वपूर्ण है खासकर जब आप नौकरी के लिए अप्लाई करते हैं या अपनी सैलरी के बारे में निगोशिएट करते हैं. यह दोनों कॉन्सेप्ट्स आपको ये समझने में मदद करेंगे की आपकी एक्चुअल कमाई क्या है और आपकी कंपनी आपको क्या फायदे प्रोवाइड करती है.इस प्रकार हर व्यक्ति को इन दोनों टर्म्स को समझकर अपनी फाइनेंसियल प्लानिंग को सुधार करने में मदद मिलती है।   

FAQ:

Q :नेट सैलरी कितनी बार बदलती है?

Ans:नेट सैलरी हर महीने अलग हो सकती है क्योंकि इसमें आपकी कंपनी द्वारा की गयी कटौतियां और चुक्तियाँ शामिल होती हैं. इसलिए आपकी सैलरी का अमाउंट हर महीने अलग हो सकता है।

Q: क्या नेट सैलरी ही व्यक्ति की एक्चुअल कमाई होती है?

Ans: हाँ नेट सैलरी ही व्यक्ति की एक्चुअल टेक-होम इनकम होती है क्योंकि यह कटौतियां और चुक्तियाँ काट कर निकली जाती हैं।

Q:कटौती और चुक्तियाँ क्या होती हैं?

Ans: कटौती या चुक्तियाँ व्यक्ति की ग्रॉस सैलरी से काटी जाती हैं जैसे की प्रोविडेंट फण्ड टैक्स डिडक्शन्स (टीडीएस) और अन्य चुक्तियाँ. नेट सैलरी उन कटौतियों और चुक्तियो के बाद की कमाई होती है। 

Q:क्या नेट सैलरी ग्रॉस सैलरी से हमेशा काम होती है?

Ans: हाँ नेट सैलरी ग्रॉस सैलरी से हमेशा कम होती है क्योंकि इसमें कटौतियां और चुक्तियाँ काट कर निकली जाती हैं। 

Q: क्या ग्रॉस सैलरी और नेट सैलरी एक ही होती हैं?

Ans: नहीं ग्रॉस सैलरी और नेट सैलरी अलग होते हैं. ग्रॉस सैलरी व्यक्ति की टोटल कमाई को दर्शाता है जबकि नेट सैलरी उसकी टेक-होम इनकम होती है। 

Q: CTC और ग्रॉस सैलरी में क्या अंतर होता है?

Ans: CTC या कॉस्ट-टू-कंपनी व्यक्ति के ओवरआल पैकेज को दर्शाता है जिसमें ग्रॉस सैलरी के साथ-साथ अन्य फायदे भी शामिल होते हैं जैसे की प्रोविडेंट फण्ड और बांउसेस. CTC ग्रॉस सैलरी से ज़्यादा होता है क्योंकि इसमें और बेनिफिट्स भी शामिल होते हैं. इस आर्टिकल से रिलेटेड कोई भी चीज़ समझ न आ रही हो या आप हमसे कुछ पूछना चाहते है। तो नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है। अगर आपको हमारा यह लेख पसंद हो, तो इससे अपने दोस्तों में भी शेयर करें।
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