143 1 of Income tax Act in Hindi – इनकम टैक्स के सेक्शन 143(1) के अंतर्गत इंटिमेशन नोटिस क्या होता है जाने पूरी जानकारी

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नमस्कार दोस्तों एक बार फिर आपका स्वागत है सीखो एकाउंटिंग में।

143 1 Of Income Tax Act in Hindi – इनकम टैक्स को फाइल करने के बाद हर करदाता के पास इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के द्वारा करदाता के ईमेल पर सेक्शन 143(1) का इंटिमेशन नोटिस आता है। यह नोटिस किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाई के लिए नहीं भेजा जाता है। इस आर्टिकल में हम आपको बतायंगे कि Section 143 (1) kya hota hai ? तथा इससे डिपार्मेंट के द्वारा कब और क्यों भेजा जाता है साथ ही यह भी बतायंगे यह इंटिमेशन नोटिस मिलने के बाद हर करदाता को क्या करना चाहिए।

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143 1 of Income tax Act in Hindi
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Section 143 (1) क्या है तथा यह क्यों भेजा जाता है ?

Section 143 (1) में एक इंटिमेशन मेल आता है इस इंटिमेशन का मतलब है किसी बात या जानकारी के बारे में सूचित करना। करदाता के द्वारा रिटर्न फाइल करने के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास रिटर्न पहुँचती है। यहाँ पर सबसे पहले इस रिटर्न की चेकिंग होती है यह पूरी प्रक्रिया इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के हेड ऑफिस में सेंट्रलाइज़्ड प्रॉसेसिंग सेण्टर यानी (CPC) में पूरी कम्पूटराइज़्ड तरीके से रिटर्न की जांच होती है इसके बाद इस जांच का जो भी रिजल्ट निकलता है उसकी सूचना एक intimation ईमेल पर नोटिस के माध्यम से हर करदाता को भेजी जाती है।

CPC में प्रोसेसिंग की प्रक्रिया

  1. Income & Addition : इस हेड में करदाता की इनकम की रकम सही तरीके से भरी गयी है या नहीं या उनका जोड़ सही है या नहीं इसकी जांच होती है।
  2. Tax Deduction : करदाता द्वारा अपनी रिटर्न में जितना भी डिडक्शन क्लेम किया है वह एक्चुअल है या नहीं इसकी जांच भी की जाती है।
  3. Data Accuracy : करदाता ने जो ITR सेलेक्ट किया है उसके हिसाब से अपनी ITR भरा है या नहीं
  4. TDS & Tax Payment : करदाता द्वारा फाइल की गयी रिटर्न में और 26AS & AIS के डाटा से मैच है या नहीं

और इसके अलावा रिटर्न प्रॉसेसिंग में करदाता के और से दी गयी सारी जानकारी इनकम टैक्स विभाग के पास एकत्रित जानकारी फॉर्म 16, 26AS,AIS और टीडीएस रिटर्न से डिपार्टमेंट के पास आती है तथा इसकी ही आधार पर करदाता की रिटर्न की जांच होती है।

Section 143 (1) Intimation कितने प्रकार से मिलता है ?

सभी करदाता को इंटिमेशन अपनी-अपनी रिटर्न के आधार पर अलग-अलग हो सकता है चाहिए जानते है कितने प्रकार से इंटिमेशन प्राप्त होता है।

1.Refund Determinded: इस इंटिमेशन में आपको आपके द्वारा पहले से सरकार को चुकाए गए अतिरिक्त टैक्स को रिफंड किया जाता है यह रकम आपकी सेल्फ टैक्स पेमेंट या टीडीएस की रकम हो सकती है अगर यह रकम आपको सरकार द्वारा देरी से दिया जाता है तो इस रकम के साथ ब्याज भी दिया जाता है।

2.Additional Tax demand: इस प्रकार के इंटिमेशन में आपको डिपार्टमेंट द्वारा कम चुकाए टैक्स या आपकी द्वारा रिटर्न में कुछ गलती हुई है या कोई इनकम जो है और आपने दिखाई नहीं है तब आपको Additional Tax demand का इंटिमेशन आता है साथ ही आपको यह अमाउंट ब्याज के साथ डिपार्मेंट को चुकाना होता है।

3.No demand, No Refund: करदाता के द्वारा अपनी रिटर्न में जो भी जानकारी जैसे इनकम की जानकारी,डिडक्शन,टैक्स कैलकुलेशन,आदि जानकारी जो 26AS और AIS से मिलती है तो करदाता के इंटिमेशन में  न ही किसी प्रकार की कोई डिमांड आएगी न ही कुछ पैसा रिफंड होगा।

Section 143 (1) इंटिमेशन नोटिस प्राप्त होने पर क्या करे ?

इंटिमेशन नोटिस के माध्यम से  डिपार्मेंट के द्वारा करदाता को टैक्स चुकाने के लिए बोल सकते है या फिरसे असेसमेंट करने को भी बोला जा सकता है या किसी टाइम पीरियड से पहले सब दस्तावेज मांग सकता है इसलिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने के बाद जब करदाता को इंटिमेशन ईमेल पर प्राप्त हो तो उसको जरूर अच्छे से पढ़ लेना चाहिए तथा उसमे दी गयी जानकारी के हिसाब से चलना चाहिए।

Section 143 (1) इंटिमेशन नोटिस को खोलने के लिए पासवर्ड कैसे डाले ?

Section 143 (1) के अंतर्गत जब करदाता को इंटिमेशन का ईमेल आता है तो वह इंटिमेशन वाली फाइल पासवर्ड से प्रोटेक्टेड होती है अर्ताथ इस फाइल को खोलने के लिए आपको पासवर्ड की जरूरत होगी। इस पासवर्ड को खोलने के लिए करदाता को अपना पैन नंबर और जन्मतिथि की जरूरत पड़ती है। 

उदहारण से समझे : जैसे आपका पैन नंबर है ABCDE1020F और आपकी जन्मतिथि है 10 दिसंबर 1995 तब आपका पासवर्ड होगा – abcde1020f10121995

ध्यान रखे आपको अपने पैन नंबर को small Letter में लिखना होगा।

Section 143 (1) इंटिमेशन को देखने के बाद करदाता को क्या करना चाहिए ?

इंटिमेशन को देखने के बाद आपको तीन चीज़ों को जरूर अच्छे से देखना चाहिए जो निम्न है ..

  1. टोटल इनकम ; करदाता के द्वारा बताई गई इनकम और डिपार्टमेंट के द्वारा बताई गयी इनकम में कोई अंतर तो नहीं है इसको जरूर चेक करना चाहिए।
  2. आउटस्टैंडिंग डिमांड : इंटिमेशन में अगर आपके ऊपर कोई देनदारी या टैक्स निकल रहा है तब आपको इंटिमेशन का कलर लाल शो होगा तथा आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को यह राशि का भुक्तान करना होगा।
  3. अमाउंट रिफंडेबल : अगर करदाता ने सरकार को अपनी तरफ से ज्यादा टैक्स भुक्तान कर दिया है या ज्यादा टीडीएस कट गया है तब आपको जो राशि प्राप्त होगी वह सही है या नहीं इसकी भी जांच करदाता को करना चाहिए।

अगर आपके और डिपार्टमेंट के द्वारा दिखाई गयी जानकारी में कोई अंतर नहीं है तब आपको डिपार्टमेंट को किसी भी प्रकार के कोई रिप्लाई करने की जरूरत नहीं होती है।

लेकिन अगर आपके द्वारा फाइल रिटर्न की जानकारी को डिपार्टमेंट की जानकारी में अंतर है तब आपको डिपार्टमेंट को रिप्लाई करना होगा। रिप्लाई में आप दो चीज़े बता सकते है

  1. सहमत : अगर करदाता को यह लगता  है की जो डिपार्टमेंट ने रिटर्न में अंतर बताया है वह सही है तो आपको रिवाइज्ड रिटर्न को फाइल करना होगा साथ ही जो टैक्स निकल रहा है उसको ब्याज के साथ सरकार को चुकाना होगा।
  2. असहमत : अगर करदाता को डिपार्टमेंट के द्वारा निकले गए अंतर या गलती सही नहीं है तब आप ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से Rectification  request भेज सकते है।

अगर उस recitfied return पर भी डिपार्टमेंट सहमत नहीं है तब आप अब ऑनलाइन ही इसकी शिकायत कर सकते है अगर ऑनलाइन भी आपका काम नहीं हो पा रहा है तब आपको कमिश्नर ऑफ़ इनकम टैक्स (appeals) के पास शिकायत करना होगा।

निष्कर्ष : इस आर्टिकल में आपने जाना कि Section 143 1 Kya hota hai ? तथा यह नोटिस क्यों और कब आता है ?

इस आर्टिकल से रिलेटेड कोई भी चीज़ समझ न आ रही हो या आप हमसे कुछ पूछना चाहते है। तो नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है। अगर आपको हमारा यह लेख पसंद हो, तो इसे अपने दोस्तों में भी शेयर करें।
आपका दिन शुभ रहे।

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